शक्ति के पीछे शक्ति

शक्ति के पीछे शक्ति
       
जंगल में कुल्हाडीयों से भरी हुवी गाडी को आते देखकर जंगल के पेडों में हाहाकार मच गया । पेड चीख – चीख कर रोने लगे एव उन्हे अपने काटे जाने का भय समा गया ।
      तभी उस जंगल के बूढे पेड् ने पूछा कि – ‘’ क्यों रुदन (रोना) मचा ते हो ? जंगल के पेडो ने कहा – ‘’ लोहे की कुल्हाडिया देख रहे हो । ये हमारे अस्तित्व को नष्ट करने आ रहे है ।
      बूढा पेड बोला – ‘’ इनके साथ जबतक हमारा भाई ( मूठ ) नही लगा होगा तब तक ये हमारा कुछ नही बिगाड सकती । ‘’
      इस कथा के पीछे छिपे रहस्य को समझे । वह मूठ है जंगल के परिवार का हिस्सा और जब अपने परिवार का कोई हिस्सा विरोधी को साथ देता है तो उसकी हिम्मत के कारण विरोधी कि हिम्मत दोगुनी हो जाती हैं ।  रावन का भाई विभीषण , राणाप्रताप का भाई सदाशिव , पृथ्विराज का भाई जयचंद इसी कथा के प्रमाण है ।
      किसी ने कहा है – घर को आग लग गयी हर के चिराग से



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