wish to success सफलता पाने की चाहत.


नमस्कार दोस्तों,

हम सभी हमेशा ये सोचते हैं की हमे जीवन में सफल होने के लिए कितनी मेहनत करने की आवश्यकता हैं ,
जिससे हम अपने आप को successful समझ सकें. आज मैं आपको जो कहानी बताने जा रहा हूँ इससे
आप खुद समझ जाएंगे की आपको कितनी मेहनत की आवश्यकता हैं. तो चलिए जान लेते हैं.
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एक बार एक गांव में एक व्यक्ति जीवन में सफलता पाना चाहता था. सफलता कैसे पानी हैं ?
सफलता का क्या अर्थ है?,ऐसे कई सवाल उसे परेशान कर रहे थे. जिसके लिए उसने कई लोगों
से पूछा, उनकी राय ली लेकिन उसे किसी के
जवाब से संतुष्टि नहीं मिली।



एक दिन उसे एक आदमी का पता मिला जो अपने आप को हमेशा एक सफल व्यक्ति के तौर पर बताता रहा
और लोग भी उसे मानते थे.पता मिलते ही वह व्यक्ति सफल व्यक्ति के पास जा पहुंचा और उससे सफल होने
के राज जानना चाहा।  सफल व्यक्ति ने उसे बताया की “ यहां से दूर एक जंगल में एक महात्मा रहते हैं,
उन्होंने मुझे सफल बनाया, अगर आप भी सफल बनना चाहते हैं तो आप भी उनसे मिल लिजीये”
उस व्यक्ति ने सफल व्यक्ति से उस महात्मा का पता पूछाँ की वे जंगल के किस दिशा में हैं?
लेकिन सफल व्यक्ति ने पता बताने से साफ इंकार कर दिया और कहा की तुम्हे तुम्हारी मंझिल खुद ढूढ़नी है.


कुछ दिन बाद उसे महात्मा का पता मिल गया. वह व्यक्ति उस महात्मा के पास पहुँचकर उनसे सफल होने के
तरीके जानने चाहे। महात्मा ने उन्हें बैठने के लिए कहा, कुछ देर उनका निरिक्षण करने के बाद उस व्यक्ति
को कल आने कोकहा.दूसरे दिन वह व्यक्ति आया और महात्मा ने उसे फिर कल आने को कहा.
इस तरह महीनों निकल गए, और एक दिन उस व्यक्ति ने तंग आकर उनसे पूछा,
“ महात्मा मुझे और कितने दिन इंतजार करना पड़ेगा ?”


तो महात्मा ने जवाब दिया,
“ आओ मेरे साथ.”
इतना कहकर उसे अपने साथ ले गए थोड़ा दूर चलने पर एक नदी आई। महात्मा ने उसे अपने साथ नदी के
बीचोबीच चलने को कहा. दोनों नदी के बिच जाकर रुक गए।  फिर महात्मा ने उस व्यक्ति से पूछा,


“ तुम्हारी सफल बनाने की कितनी इच्छा है ?”


उस व्यक्ति ने कहा,
“ बहूत “


फिर महात्मा ने कहा,


“बहुत यानि कितनी ?”


उस व्यक्ति ने कहा,


“बहुत यानि बहुत ज्यादा ?”


फिर महात्मा ने कहा,
“फिर भी कितनी ज्यादा ?”


उस व्यक्ति ने कहा,


“इतनी ज्यादा की आपने सोचा भी नहीं होगा.”


फिर महात्मा ने कहा,


“ठीक है , जैसा कहता हूँ करोगे ?”


उस व्यक्ति ने कहा,
“जी आप बताये क्या करना होगा ?”


तब महात्मा ने कहा,
“इस पानी में बैठ जाओ और जब तक मैं ना कहुँ बाहर नहीं निकलना।”


वह व्यक्ति पानी में बैठ गया, मुश्किल से १० सेकेण्ड ही हुवे थे, वह व्यक्ति  बाहर आ गया.


महात्मा ने फिर उसे बैठने को कहा.इस बार जब वह पानी से बाहर निकलना चाहा तो महात्मा ने उसे निचे दबाया,
उसने बाहर निकलने की और जोर से कोशिश की लेकिन महात्मा ने तो उसके ऊपर बैठ गए, लेकिन ज्यादा देर तक
उसे दबाये नहीं रख पाए. उस व्यक्ति ने महात्मा को अपने ऊपर से निचे गिरा दिया और पानी से बाहर निकल आया.


महात्मा ने तब उसे बताया,


“जितनी इच्छा तुम्हारी इस पानी से बाहर निकलने की थी, अगर उतनी ही ईच्छा  जीवन में सफलता पाने की हो
तो कल से मैं तुम्हे मार्गदर्शन करने के लिए तैयार हूँ। “


इस कहानी के माध्यम से हम ये समझते हैं की  जब तक आपकी सफलता पाने की चाहत जितना जीने के लिए सांस  लेने की आवश्यकता है उतनी नहीं होंगी तब तक आप अपने जीवन में सफल नहीं हो पाएंगे। आशा करता हूँ की आपको ये कहानी प्रेरणादायी लगी हो , जिससे आप कुछ सिख ले पाए हो तो इस पोस्ट को जरूर शेयर करिये।, धन्यवाद।


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