खाली दिमाग शैतान का घर
एक व्यक्ति बहुत बडा कारोबारी
, धनवान और महत्वाकांक्षी व्यक्ति था । उसका कारोबार देश-विदेश
फैला हुआ था ,फिर भी उसकी महत्वाकांक्षा थी कि वह और बडे कारोबार करे और धनवान
बने । उसने एक बार सपना देखा कि उसने एक बहुत बडे तांत्रीक से से प्रार्थना की कि वह
उसे कोई ऐसी शक्ती दे कि जिससे उसका कारोबार और बढे , उसकि धन
सम्पदा और बढे ।
वह तांत्रिक बोला- '' ऐसी शक्ति
दे सकता हूँ पर एक शर्त हैं ।कि तुम उसे हमेशा किसी ना किसी कार्य मे व्यस्त रखोगे
। इसे जरा भी खाली रखा तो ये तुम्हे मार डालेगी । ''
यह सुनकर करोबारी बोला - '' इसकी आप चिंता ना करे ,
मेरा कारोबार दुनिया भर में फैला हुआ है । इसे खाली समय नही मिलेंगा
। ''
इतना कहकर उस तांत्रिक ने कुछ मंत्र पढे और एक शक्ति उसके सामने
उपस्थित हो गयी । वह तंत्रिक बोला - जिन्न जुन्नार । मैंने तुम्हे इस भक्त कि सेवा
के लिये बुलाया है । तुम अब इनकी सेवा में रहोगे । जो भी काम यह करने को कहे कर देना
। वह जिन्न बोला - जो हुक्म मेरे आका । लेकिन मेरि शर्त इन्हे बता दिजीये कि मै बिना
फालतु नही रहूँगा । फालतु रहा तो इनकी खैर नही ।
वह शक्ति उस व्यक्ति से बोली - काम बताइये । उस व्यक्ति ने उसे काम बताया । जिन्न
को काम निपटाने में देर न लगी , पलक झपकते ही काम निपटाकर वह वापस आया और बोला
- काम बताओ। इतनी जल्दि काम होता देख वह व्यक्ति प्रसन्न हो गया ।
उस व्यक्ति ने उस शक्ति को और काम बतायें । सारे काम जल्दि पूरे
हो गये ,
तो उसे विदेश के भी काम बताना शुरु कर दिया । उस शक्ति ने सारे काम पूरे
कर दिये । अब उस व्यक्ति के पास कोई काम नही बचा । और जिन्न तो उसके सामने खडा था अगर काम नहि बताया तो उस व्यक्ति को खाने के लिये
।
'' अब क्या करें ? इसे क्या काम दें ?
मेरे पास तो कोई काम नही बचा , और इसे काम नही
बताया तो ये मुझे खा जायेगा । '' वह व्यक्ति परेशान हो गया और
उस तांत्रिक के पास गया । तांत्रिक ने कुछ सोचा और कहा - '' ठिक
है तुम इसे पेड पर चढने और उतरने का काम लगा दो , जब तुम्हारे
पास कोई काम न होगा तो इसे यही करने के लिये बोलना ।
यह उपाय सुनकर वह व्यक्ति बहुत प्रसन्न हो गया और जिन्न से काम
भी लेने लगा ।
दोस्तो , यह कहानी हमारे मन कि कामनाएं , वासनाओं और लालसाओं की कहानी है । मन कि वासना और कामना इस जिन्न कि तरह है
यदी इन्हे सही काम मे व्यस्त नही रखा तो ये हमारी आत्मा का हनन करने लगती है । इसीलिये
मन को खाली नही रखना चाहीये। फालतु समय हो तो ईश्वर का स्मरण करने या अच्छी पुस्तके
पढने में इसे व्यस्त रखे । ऐसा करने से हम बुरे विचारों से और बुरे कामों से बचे रह
सकते है ।
किसी शायर ने खूब
कहा है-
दिल
को किसी कि याद से खाली न किजीये ,
आसेब रहने
लगते है खाली मकान में ।
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